सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने 'अशांत क्षेत्रों' में सेना को मिले विशेषाधिकारों में कथित कटौती के ख़िलाफ़ सैकड़ों फ़ौजियों के सुप्रीम कोर्ट जाने पर नाराज़गी जताई है. सेना के क़रीब 700 जवानों और अधिकारियों ने हाल में सुप्रीम कोर्ट से गुज़ारिश की है कि चरमपंथ-प्रभावित क्षेत्रों में सेना को मिले ख़ास अधिकारों (आफ़्सपा) में किसी तरह की कोई कटौती या बदलाव न किया जाए क्योंकि इसका फ़ौज के कामकाज और उसकी मन:स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट इस समय भारत के पूर्वोतर राज्य मणिपुर में सेना, अर्ध-सैनिक बलों और स्थानीय पुलिस के हाथों हुई कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामलों की सुनवाई कर रही है जिसमें कोर्ट के हुक्म पर सीबीआई का एक विशेष दल (एसआईटी) मामले की जांच कर रहा है और उन मामलों में से एक में कर्नल विजय सिंह बलहारा के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने चंद दिनों पहले अपनी एक रिपोर्ट में कहा था, ''आफ़्स्पा के ख़िलाफ़ अदालत का दरवाज़ा खटखटा ने वाले सैनिकों (जि समें जवान औऱ अधिकारी भी शामिल हैं) में वो भी हैं जो उस कर्नल वि...