अब ईरान की विशेष सेना के एक कमांडर ने अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप
को धमकी दी है. उन्होंने कहा कि अगर अमरीका ईरान पर हमला करेगा तो "उसका
सबकुछ तबाह कर देंगे."ईरानी न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक मेजर जनरल क़ासिम सुलेमानी ने चेतावनी दी है कि अगर ट्रंप ने युद्ध शुरू किया तो
इस्लामिक रिपब्लिक इसे खत्म करेगा.उनका ये बयान ट्रंप के उस ट्वीट
के बाद आया है, जिसमें ट्रंप ने ईरान के राष्ट्रपति को चेतावनी देते हुए
लिखा था कि अमरीका को "कभी भी" डराने की कोशिश न करें.
अमरीका के साल 2015 में ईरान के साथ परमाणु समझौते से बाहर आ जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया है. हम आपके नज़दीक हैं, इतने नज़दीक जितना आप सोच भी नहीं सकते. आओ. हम तैयार हैं."
"आप युद्ध शुरू करेंगे, हम युद्ध को खत्म कर देंगे. ये युद्ध आपका सब कुछ तबाह कर देगा."
जनरल क़ासिम सुलेमानी ने अमरीकी राष्ट्रपति पर आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया.
रविवार को ट्रंप ने ईरानी राष्ट्रपति के लिए धमकी भरा ट्वीट किया था.लेकिन दो दिन बाद, पूर्व सैनिकों के एक समूह से बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अमरीका ईरान से "असल डील करने के लिए तैयार है".
ट्रंप ने गुस्से से भरा ट्वीट हसन रुहानी की धमकी के जवाब में किया था.मई में अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एलान किया था कि वो ओबामा के समय की ईरान न्यूक्लियर डील से बाहर आ रहे हैं. यूरोपीय सहयोगियों की सलाह को नज़रअंदाज़ करते हुए ट्रंप ने ये फैसला लिया.ट्रंप ने ईरान डील को "पूरी तरह बेकार" करार दिया था.
इसके जवाब में ईरान ने कहा था कि वो परमाणु ऊर्जा और हथियार बनाने में इस्तेमाल आने वाले यूरेनियम संवर्धन को दोबारा शुरू कर देगा.
2015 के समझौते में शामिल दूसरे देशों की आपत्तियों के बावजूद अमरीका ईरान के तेल, विमान निर्यात और बहुमूल्य धातुओं के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है.दोनों देशों के बीच विवाद का एक और बड़ा कारण है. अमरीका को शक है कि ईरान मध्य पूर्व में संदिग्ध गतिविधियां कर रहा है.इसी वजह से अमरीका ने ईरान के दुश्मन देशों इसराइल और सऊदी अरब से हाथ मिलाया है.
हालांकि ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम एकदम शांतिपूर्ण है.ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक हसन रुहानी ने कहा था, "अमरीका को पता होना चाहिए कि ईरान के साथ शांति रखेंगे तो पूरी दुनिया में शांति रहेगी, और अगर ईरान के साथ युद्ध किया तो जंग बड़ा रूप ले सकती है."
मई में अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एलान किया था कि वो ओबामा के समय की ईरान न्यूक्लियर डील से बाहर आ रहे हैं. यूरोपीय सहयोगियों की सलाह को नज़रअंदाज़ करते हुए ट्रंप ने ये फैसला लिया.ट्रंप ने ईरान डील को "पूरी तरह बेकार" करार दिया था.इसके जवाब में ईरान ने कहा था कि वो परमाणु ऊर्जा और हथियार बनाने में इस्तेमाल आने वाले यूरेनियम संवर्धन को दोबारा शुरू कर देगा.
2015 के समझौते में शामिल दूसरे देशों की आपत्तियों के बावजूद अमरीका ईरान के तेल, विमान निर्यात और बहुमूल्य धातुओं के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है.दोनों देशों के बीच विवाद का एक और बड़ा कारण है. अमरीका को शक है कि ईरान मध्य पूर्व में संदिग्ध गतिविधियां कर रहा है.
इसी वजह से अमरीका ने ईरान के दुश्मन देशों इसराइल और सऊदी अरब से हाथ मिलाया है.हालांकि ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम एकदम शांतिपूर्ण है.
अमरीका के साल 2015 में ईरान के साथ परमाणु समझौते से बाहर आ जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया है. हम आपके नज़दीक हैं, इतने नज़दीक जितना आप सोच भी नहीं सकते. आओ. हम तैयार हैं."
"आप युद्ध शुरू करेंगे, हम युद्ध को खत्म कर देंगे. ये युद्ध आपका सब कुछ तबाह कर देगा."
जनरल क़ासिम सुलेमानी ने अमरीकी राष्ट्रपति पर आपत्तिजनक भाषा इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया.
रविवार को ट्रंप ने ईरानी राष्ट्रपति के लिए धमकी भरा ट्वीट किया था.लेकिन दो दिन बाद, पूर्व सैनिकों के एक समूह से बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि अमरीका ईरान से "असल डील करने के लिए तैयार है".
ट्रंप ने गुस्से से भरा ट्वीट हसन रुहानी की धमकी के जवाब में किया था.मई में अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एलान किया था कि वो ओबामा के समय की ईरान न्यूक्लियर डील से बाहर आ रहे हैं. यूरोपीय सहयोगियों की सलाह को नज़रअंदाज़ करते हुए ट्रंप ने ये फैसला लिया.ट्रंप ने ईरान डील को "पूरी तरह बेकार" करार दिया था.
इसके जवाब में ईरान ने कहा था कि वो परमाणु ऊर्जा और हथियार बनाने में इस्तेमाल आने वाले यूरेनियम संवर्धन को दोबारा शुरू कर देगा.
2015 के समझौते में शामिल दूसरे देशों की आपत्तियों के बावजूद अमरीका ईरान के तेल, विमान निर्यात और बहुमूल्य धातुओं के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है.दोनों देशों के बीच विवाद का एक और बड़ा कारण है. अमरीका को शक है कि ईरान मध्य पूर्व में संदिग्ध गतिविधियां कर रहा है.इसी वजह से अमरीका ने ईरान के दुश्मन देशों इसराइल और सऊदी अरब से हाथ मिलाया है.
हालांकि ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम एकदम शांतिपूर्ण है.ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक हसन रुहानी ने कहा था, "अमरीका को पता होना चाहिए कि ईरान के साथ शांति रखेंगे तो पूरी दुनिया में शांति रहेगी, और अगर ईरान के साथ युद्ध किया तो जंग बड़ा रूप ले सकती है."
मई में अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एलान किया था कि वो ओबामा के समय की ईरान न्यूक्लियर डील से बाहर आ रहे हैं. यूरोपीय सहयोगियों की सलाह को नज़रअंदाज़ करते हुए ट्रंप ने ये फैसला लिया.ट्रंप ने ईरान डील को "पूरी तरह बेकार" करार दिया था.इसके जवाब में ईरान ने कहा था कि वो परमाणु ऊर्जा और हथियार बनाने में इस्तेमाल आने वाले यूरेनियम संवर्धन को दोबारा शुरू कर देगा.
2015 के समझौते में शामिल दूसरे देशों की आपत्तियों के बावजूद अमरीका ईरान के तेल, विमान निर्यात और बहुमूल्य धातुओं के व्यापार पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है.दोनों देशों के बीच विवाद का एक और बड़ा कारण है. अमरीका को शक है कि ईरान मध्य पूर्व में संदिग्ध गतिविधियां कर रहा है.
इसी वजह से अमरीका ने ईरान के दुश्मन देशों इसराइल और सऊदी अरब से हाथ मिलाया है.हालांकि ईरान का दावा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम एकदम शांतिपूर्ण है.
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